गणेश चतुर्थी के दिन हुआ नए ससंद भवन का शुभारंभ, महिला आरक्षण विधेयक के साथ हुआ श्री गणेश

Rashtrabaan

नई दिल्ली, राष्ट्रबाण। मंगलवार को नए संसद भवन का शुभारंभ किया गया। इसी के साथ ही नए संसद भवन का ‘श्रीगणेश’ महिला आरक्षण विधेयक के साथ होने जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन में पहुंचने के बाद इसका ऐलान किया और कहा कि इस विधेयक का नाम ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ होगा। उनके ऐलान के बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में बिल पेश किया। उन्होंने कहा कि नए संसद भवन से हम नई शुरुआत करेंगे और महिलाओं को उनका अधिकार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में ज्यादा प्रतिनिधित्व मिल सकेगा। इस बीच बिल में महिलाओं के लिए आरक्षण कैसे लागू होगा और उसमें किसके लिए क्या प्रावधान हैं, यह डिटेल भी सामने आ गई है। इसके लागू होने के बाद लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी। बिल के मुताबिक महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33 फीसदी का आरक्षण मिल सकेगा। इसके अलावा पहले से तय अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए तय सीटों में से ही 33 फीसदी आरक्षण उनकी समाज की महिलाओं के लिए होगा। यह आरक्षण रोटेशनल आधार पर दिया जाएगा। विधेयक में ओबीसी वर्ग के लिए अलग से कोई आरक्षण का प्रावधान नहीं रखा गया है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आरजेडी, समाजवादी पार्टी और जेडीयू जैसे दलों का रुख क्या होगा। ये दल ओबीसी वर्ग की राजनीति करते रहे हैं और जातिगत जनगणना की मांग में भी आगे रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि नए भारत के निर्माण में आधी आबादी का भी योगदान जरूरी है और यह बिल उसी दिशा में अहम कदम है।

पीएम मोदी ने कहा: भगवान ने ऐसे पवित्र कामों के लिए मुझे चुना

- Advertisement -

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि दशकों से महिला आरक्षण के लिए प्रयास हुए हैं, लेकिन कभी सदन से इसे पारित नहीं किया जा सका। अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में 1996 में यह बिल लाया गया था, लेकिन उसके बाद से अब तक कई प्रयास हुए फिर भी बिल अटका रहा। अब यह पवित्र काम इस नए सदन से होगा। पीएम मोदी ने कहा कि शायद भगवान ने ऐसे कुछ पवित्र कामों के लिए मुझे ही चुनाव किया।

- Advertisement -
error: Content is protected !!