Money Laundering Case में सुपरटेक के मालिक आरके अरोड़ा गिरफ्तार, ईडी कर रही थी 3 दिन से पूछताछ

ज्ञात हो की करीब एक महीने पहले उन्हें घर खरीदारों का पैसा नहीं लौटाने के लिए हिरासत में लिया गया था। हालांकि, तब उन्हें हिरासत के कुछ ही देर बाद रिहा कर दिया गया था।

Rashtrabaan
सुपरटेक के मालिक आरके अरोड़ा गिरफ्तार, ईडी कर रही थी 3 दिन से पूछताछ

नोएडा, राष्ट्रबाण। प्रसिद्ध बिजनेसमैन आरके अरोड़ा (RK Arora) की कंपनी सुपरटेक (Supertech) के खिलाफ ईडी ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए ग्रुप के चेयरमैन आर के अरोड़ा को दिल्ली स्थित ऑफिस से गिरफ्तार किया गया। जानकारों की माने तो ईडी की ओर से पिछले तीन दिनों से उन्हें लगातार पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा था। मंगलवार को भी उन्हें समन कर पूछताछ के लिए ही बुलाया गया था। इसके बाद देर शाम में मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) के मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। ईडी की ओर से ही उनके परिवार के लोगों को देर रात में फोन कर उन्हें गिरफ्तार किए जाने की सूचना दी गई, जिसके बाद से परिवारजनों और कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों में हड़कंप मच हुआ है। बता दें कि आर.के अरोड़ा बिल्डरों के संगठन नेरेडको के चेयरमैन भी हैं।

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तीन राज्यों में दर्ज FIR
जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज विभिन्न एफआईआर के आधार पर सुपरटेक ग्रुप ऑफ कंपनीज और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत ईडी ने जांच शुरू की थी। उक्त सभी एफआईआर में यह आरोप लगाया गया था कि कंपनी और उसके निदेशक अपनी रियल एस्टेट परियोजनाओं में बुक किए गए फ्लैटों के खिलाफ संभावित खरीदारों से अग्रिम रूप से धन एकत्र करके लोगों को धोखाधड़ी करने की आपराधिक साजिश में शामिल हैं और समय पर फ्लैटों का कब्जा प्रदान करने के लिए अपने सहमत दायित्वों का पालन करने में विफल रहे हैं। एफआईआर के अनुसार, कंपनी ने जनता के साथ धोखा किया हैं।

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किए होम बायर्स के पैसे डायवर्ट
ईडी द्वारा पीएमएलए के प्रावधानों के तहत की गई जांच से पता चला कि सुपरटेक लिमिटेड (Supertech Limited) और समूह की कंपनियों ने होम बॉयर्स(home buyers) से धन एकत्रित किया और फ्लैटों के निर्माण के उद्देश्य से बैंकों से परियोजना विशिष्ट अवधि के ऋण भी लिए है। हालांकि, इन फंडों का गबन किया गया और समूह की अन्य कंपनियों के नाम पर भूमि की खरीदी के लिए डायवर्ट किया गया, जिन्हें फिर से बैंकों से पैसे उधार लेने के लिए संपत्ति को गिरवी रखा गया था। ईडी ने कहा, आगे की जांच में पता चला है कि सुपरटेक समूह ने बैंकों/वित्तीय संस्थानों को अपने भुगतान में भी चूक की है। वर्तमान में लगभग 1,500 करोड़ के ऐसे लोन एनपीए बन गए हैं।

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पूर्व में भी हो चुकी है कार्रवाई
बता दें की इन मामलों में चल रही जांच में 12 अप्रैल को भी ईडी द्वारा सुपरटेक और उसके निदेशकों की 40 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत कुर्क किया था, जिसमें उत्तराखंड के रुद्रपुर में स्थित 25 अचल संपत्तियों और उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में मेरठ मॉल को कुर्क किया गया था। इन कुर्क की गई संपत्तियों की कुल कीमत 40.39 करोड़ रुपये बताया गया था।

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