असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज की एडवाइजरी रद्द, कोलकाता रेप केस के बाद डॉक्टर्स को रात में न घूमने की सलाह दी गई थी

Rashtrabaan

नई दिल्ली (New Delhi), राष्ट्रबाण। असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज (Silchar Medical College, Assam) ने अपनी उस एडवाइजरी को वापस लिया है, जिसमें महिला डॉक्टरों, स्टुडेंट्स और सभी स्वास्थ्यकर्मियों को खराब रोशनी और कम आबादी वाले एरिया में न जाने की सलाह दी गई थी। ये एडवाइजरी (Advisory) कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर की घटना के मद्देनजर जारी की गयी थी।

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तुरंत प्रभाव से रद्द

सिलचर मेडिकल कॉलेज प्रशासन (Silchar Medical College Administration) ने बुधवार (14 अगस्त) को नई एडवाइजरी जारी करते हुए 13 अगस्त की एडवाइजरी को तुरंत प्रभाव से रद्द करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा गया है कि सुरक्षा कारणों से जुड़ी नई एडवाइजरी जल्द ही जारी की जाएगी। मेडिकल कॉलेज की तरफ से 12 अगस्त को एडवाइजरी जारी की गई थी। कॉलेज प्रशासन के मुताबिक ये गाइडलाइंस महिला डॉक्टरों (Guidelines for women doctors), स्टुडेंट्स और स्वास्थकर्मियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए लागू किए गए थे।

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एडवाइजरी में इन पॉइंट्स को शामिल किया गया था…
-महिला डॉक्टर, स्टुडेंट्स और स्टाफ को अलग-थलग, कम रोशनी और कम आबादी वाले एरिया में जाने से बचें।
-महिला डॉक्टर, स्टुडेंट्स और स्टाफ को जहां तक संभव हो अकेले रहने से बचना चाहिए।
-जब तक आवश्यक न हो रात हॉस्टल या आवास या कॉलेज परिसर से बाहर न निकलें। यदि जरूरी हो तो संबंधित अधिकारी को पूर्व सूचना दें।
-संदिग्ध या अज्ञात व्यक्तियों से मेल-जोल न बढ़ाएं।
-इमरजेंसी किट और कॉन्टैक्ट हमेशा अपने साथ रखें।
-ड्यूटी पर इमोशनली बैलेंस रहे, जनता के साथ शालीनता से बात करें।
-किसी भी दुर्व्यवहार की शिकायत तुरंत उत्पीड़न समिति, इंटरनल समिति और एंटी रैगिंग समिति से करें।

डॉक्टर्स ने एडवाइजरी पर आपत्ति जताई थी

इस एडवाइजरी पर स्टुडेंट्स और स्वास्थ्यकर्मियों ने कड़ी आपत्ति जताई थी। सोशल मीडिया पर इसे महिला विरोधी बताया गया था। स्टुडेंट्स ने कहा कि अधिकारियों को उन्हें अपने कमरों में रहने के लिए कहने के बजाय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था में सुधार करना चाहिए। सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी एडवाइजरी की निंदा करते हुए परेशान करने वाला बताया था। एसोसिएशन ने एक नोटिस भी जारी किया था, जिसमें अस्पताल में उचित रोशनी, सुरक्षा उपाय बढ़ाने, टॉयलेट्स सुविधा और डॉक्टरों के कमरों के बाहर सुरक्षा की मांग की गई थी।

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