उद्धव का अडानी को सीधा चैलेंज ; हम धारावी प्रोजेक्ट को रद्द कर देंगे

Rashtrabaan

मुंबई, राष्ट्रबाण। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि अगर उनकी पार्टी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आती है तो उनकी सरकार मुंबई में धारावी झुग्गी पुनर्विकास परियोजना के टेंडर को रद्द कर देगी। धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए दी जा रही स्कीमों का विरोध करते हुए, उद्धव ठाकरे ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हम ऐसा नहीं होने देंगे। धारावी झुग्गी पुनर्विकास का काम उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी के पास है।

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सरकार की सफाई

हालांकि महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि करोड़ों रुपये की धारावी स्लम पुनर्विकास परियोजना में अडानी समूह को नहीं, बल्कि महाराष्ट्र सरकार के विभागों को भूमि ट्रांसफर शामिल है। अहमदाबाद स्थित समूह प्रोजेक्ट डेवलपर के रूप में, घरों का निर्माण करेगा जिन्हें आवंटन के लिए उन्हीं विभागों को सौंप दिया जाएगा। लेकिन यह डेवलपर अप्रत्यक्ष रूप से अडानी समूह के लिए काम करता है।

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पृथ्वीराज चव्हाण ने घोटाला कहा था

धारावी प्रोजेक्ट को लेकर कांग्रेस की राय भी उद्धव ठाकरे से मिल रही है। राजस्व विभाग की बजटीय मांगों पर महाराष्ट्र विधानसभा में बोलते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया था कि धारावी झुग्गी पुनर्विकास परियोजना एक बड़ा घोटाला है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से इस पर एक व्हाइट पेपर की मांग की।
उद्धव का रुख शनिवार को कड़ा था। उद्धव ठाकरे ने कहा कि चाहे धारावी पुनर्विकास हो या लड़का मित्र योजना हो। हम सत्ता में आने के बाद इन्हें रद्द करेंगे। क्योंकि ये जनविरोधी योजनाएं हैं। जनता का इन्हें समर्थन नहीं है। धारावी मुंबई का सबसे बड़ा स्लम समूह है। कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी), दोनों विपक्षी महा विकास अघाड़ी का हिस्सा हैं। दोनों दल अडानी समूह द्वारा क्रियान्वित की जा रही कई अरब डॉलर के धारावी पुनर्विकास परियोजना का विरोध कर रहे हैं।

टेंडर में कोई जिक्र नहीं

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने पूछा है कि क्या हाल ही में धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए कुर्ला में डेयरी भूमि सौंपने का उल्लेख मूल टेंडर में किया गया है। उन्होंने कहा कि इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि धारावी पुनर्विकास के लिए कौन सी सरकारी जमीन दी जा रही है…देवनार, मुलुंड, साल्ट पैन भूमि का कहीं कोई जिक्र टेंडर में नहीं है। कांग्रेस का कहना है कि इसकी जांच होनी चाहिए कि सरकार के राजस्व का कितना नुकसान हुआ है। उन्होंने दावा किया कि सरकारी जमीन उद्योगपतियों को बहुत कम कीमत पर दी जा रही है और सरकार को मिलने वाला सारा राजस्व माफ कर दिया गया है।

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फडणवीस की भूमिका

धारावी प्रोजेक्ट में भाजपा के वरिष्ठ नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की बड़ी भूमिका है। महाराष्ट्र आवास विभाग के मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के आखिरी दिन, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने धारावी पुनर्विकास परियोजना को मंजूरी दी थी। जिसे सरकार अडानी समूह के साथ साझेदारी में करेगी।

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धारावी पुनर्विकास परियोजना क्या है?

मुंबई में स्थित धारावी एशिया का सबसे बड़ा स्लम एरिया है। यह प्रोजेक्ट पिछले साल नवंबर में अडानी प्रॉपर्टीज ने जीता था। बोली लगाने वालों में डीएलएफ, नमन डेवलपर्स शामिल थे। 2018 में, धारावी परियोजना के लिए जो टेंडर निकला था, उसमें दुबई स्थित सेकलिंक टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन सबसे अधिक बोली लगाने वाली कंपनी थी। जब फडणवीस-शिंदे सरकार ने परियोजना के लिए नई बोली बुलाई तो दुबई की कंपनी ने अदालत का रुख किया। राज्य सरकार ने कहा कि दुबई की कंपनी के साथ कोई निर्णायक अनुबंध नहीं है। परियोजना में कुल 6.5 लाख झुग्गीवासियों का पुनर्वास किया जाएगा।

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