Betul News : नगरपालिका को ससुराल समझ दुल्हा बनकर आ रहा हास्य कवि का ठेकेदार; सात लाख की लागत से नेताजी करवा रहे सम्मेलन

सारनी के हास्य कवि सम्मेलन पर पूरा जिला हंस रहा है। सवाल उठ रहे है कि आखिर पिछले तीन वर्षों से निविदा मे शर्त डालकर नेताजी जी को नगर पालिका क्यो कर रही है उपकृत, शासन के पैसे का खुला दुरूपयोग किया जा रहा है और जिम्मेदार पदों पर बैठे अफसर और जनप्रतिनिधी कमीशन खा रहे है?

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बैतूल, राष्ट्रबाण। बैतूल (Betul) जिले के सारनी का दुर्भाग्य ही कहेंगे सारनी की जनता रोटी कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं और सारनी की धनाढ्य नगर पालिका कवि सम्मेलन में पानी के जैसे पैसा बहा रही है। नगरपालिका सारनी लगता है भाजपा के एक नेता जी पर विशेष रूप से मेहरबान है जो उसे फायदा पहुंचाने के लिए पिछले तीन वर्षों से विशेष शर्तें रखकर निविदाएं निकालती है या कहे की उसी के कहने पर निविदाएं छपती हैं।

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लगता तो ऐसे हैं जैसे ठेकेदार नगरपालिका को ससुराल समझकर दुल्हा बनकर 18 तारीख को कवियों की बारात लेकर आ रहा बाबा मठारदेव मेले के मंच पर कहने का तात्पर्य यह है की एक ऐसा ठेकेदार जो पिछले तीन वर्षों से सात लाख का ठेका लिया है जिसमें कुछ विशेष नियम और शर्तें लगाकर स्पष्ट दिख रहा है की नगरपालिका एक व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने निविदा निकाल रही है उसके एवज में टेबल के निचे से माल भी खा रही है।

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सात लाख से होने वाले कवि सम्मेलन में ठेकेदार के जेब में हाथ ही नहीं जाना है क्योंकि मंच नगरपालिका का कुर्सी, दरी, चटाई, चाय,पानी,नास्ता, कर्मचारी, साउंड सिस्टम,बिजली, सभी ठेकेदार को मुफ्त में मिल रही है और तो और पावर जनरेटिंग कंपनी का रेस्ट हाउस जहा कवियों के ठहरने की व्यवस्था भी हो जानी है। लाज का भी खर्चा इनकी जेब पर नहीं पडना है इसमें राष्ट्रीय कवियो को शामिल भी नही किया गया है सभी क कवियो को दस से प्रन्द्रह हजार मे किये है ऐ सब देखकर कौन नहीं कहेगा नगरपालिका को ससुराल समझकर दुल्हा बनकर आ रहा हास्य कवि का ठेकेदार।

मजे की बात तो ऐ है की ऐसी विशेष नियम और शर्तों की वजह से लगातार तीन बार इसी ठेकेदार को यह ठेका मिल रहा है। बताते हैं कि इन हास्य ठेकेदार और नगरपालिका सीएमओ की जोड़ी लंबे समय से चली आ रही है और दोनों मिलकर नगरपालिका के पान में चुना लगाने का काम कर रहे हैं। आनलाइन निविदाएं भी इनकी जोडी की जुगलबंदी का नतीजा है।

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वैसे सोचने वाली बात है कि बाबा के मंच पर सात लाख में पाच दिन का सांस्कृतिक कार्यक्रम हो जा रहा है और सात लाख में एक मात्र कवि सम्मेलन नगरपालिका की ही निविदा पर एक ठेकेदार सात लाख में पुरे पाच दिन कार्यक्रम करता है और वही उसी मंच पर सात लाख में एक कवि सम्मेलन हो रहा है।
साफ साफ नजर आ रहा है कि कवि सम्मेलन तो बस एक बहाना है ठेके के बहाने नेताजी को लाभ पहुचाना है। क्योकी इसमें राष्ट्रीय कवि को शामिल करना था लेकिन राष्ट्रीय कवि न शामिल करके दस से बीस हजार रुपये के कवियो को बुलाकर जनता से मजाक किया जा रहा है।

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टोटल सात कवि आ रहे है जो एक से डेढ़ लाख रुपये के खर्चे मे कवियो को बुलाया है और पाँच से छः लाख रुपये भाजपा के नेता ठेकेदार को बच रहे है जो जन चर्चा का विषय बना हुआ है नियम शर्तो को जोड़कर पिछले तीन वर्षों से इन्ही महाशय को काम क्यों दिया जा रहा है मात्र तीन घण्टे के कार्यक्रम करवा कर पाच लाख रुपये की आमदनी कोर्ई बिजनेश मे नही है क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित आयोजक व कवि ने बताया की देश के प्रतिष्ठीत कवि को बुलाना था जो कवि आ रहे है यदि नगर पालिका टेन्ट साउण्ड चेयर एमपीईबी का रेस्ट हाउस यदि कर रही है तो यह कार्यक्रम आयोजन करने वाले ठेकेदार को मात्र एक लाख खर्चे मे हो जायेगा।

पिछले वर्ष मे भी नेताजी पर पत्रकारो ने आरोप लगाया था तो आनन फानन प्रेस वार्ता बुलाकर सफाई दी की कवि राष्ट्रीय स्तर के थे नगर पालिका की नियम शर्तो मे यह साफ लिखा है की ठेकेदार सारी व्यवस्था करेगा। फिर टेन्ट साउण्ड चेयर डीजे माला फ्लेक्सकी व्यवस्था नगरपालिका क्यों कर रही है। नगर पालिका ने अपने खर्चे मे बड़े बड़े होडिग्स बैनर चौक चौराहे पर लगाये जो ठेकेदार को लगाना था। यह सारे खर्चे जोड़ दिया जाये तो दस लाख रुपये राष्ट्रीय कवि सम्मेलन के नाम पर नगरपालिका द्वारा उड़ाये जा रहे है। पिछले बार परिषद की बैठक मे तय हुआ था जब नगर पालिका पन्द्रह से बीस लाख रुपये खर्च करती है तो राष्ट्रीय स्तर के कलाकार व कवि बुलाये जाये। जिसमे परिषद ने सिंगर अनुराधा पोडवाल, उदित नारायण, मैथली ठाकूर, शहनवाज हुसैन जैसे कलाकारो को बुलाने का प्रस्ताव रखा था लेकिन नही बुलाया गया।

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जबकि मुलताई ताप्ती महोत्सव मे सिंगर अनुराधा पोड़वाल उदित नारायण एव एक से बढ़कर एक सिंगर व कवियो का कार्यक्रम हो रहा है नगर पालिका परिषद सारनी मे जिन कलाकारो का नाम पार्षदो ने तय किया था उसे न बुलाकर परिषद का अपमान है इस बार भी पार्षदो ने परिषद की बैठक मे प्रस्ताव लिया था की ऐसी काई शर्त नही जोड़ा जाये की कवि सम्मेलन किसी को फायदा पहुंचाने के लिये हो नगर पालिका ने पार्षदो की बात को मान लिया था लेकिन फीर यह शर्त जोड़कर नगर पालिका ने किस अदृश्य शक्ति के कहने पर यह शर्ते जोड़ी देखना है दस लाख का कवि सम्मेलन किसे फायदा पहुचाने के लिये किया जा रहा है।

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