बैतूल, राष्ट्रबाण। जिला अध्यक्ष पद से जटील हुई सारनी मंडल अध्यक्ष की घोषणा तो ग़लत नही कह जा सकता क्योंकि बैतुल जिला अध्यक्ष की घोषणा होने के बाद भी सारनी मंडल अध्यक्ष की घोषणा दुर की कौड़ी साबित होता जा रहा है । जिससे कार्य कर्ताओं मे आपसी बैर और वैमनष्यता बड़ती जा रही है । कार्यकताओं को अनुशासन का पाठ पड़ाने वाली पार्टी जब एक छोटे से पद को हाई प्रोफाइल बना देती है तो कार्यकर्ताओं मे पद पाने की उत्सुकता बड़ जाती है कार्य कर्ता पद की लालसा में एक दूसरे सहयोगी कार्यकताओं के चरित्र प्रमाण पत्र बाटने लगते है और आपसी खींचतान से संघठन को नुक्सान होना लाजमी है ।
खैर जो भी हो सारनी नगर मंडल से अलग कर बगडोना मंडल भारतीय जनता पार्टी द्वारा बनाया गया उसके बाद भी सारनी नगर मंडल अध्यक्ष पद के लिए एक दर्जन से ज्यादा कार्यकर्ता आपस में रस्सा कस्सी करते नजर आ रहे ।
आपसी गूट बाजी के कारण नही हो रही घोषणा
सारनी मंडल में वरिष्ठ नेताओ की गुट बाजी चरम पर है। जिस से मंडल अध्यक्ष की घोषणा होते होते रुख जाती है शहर में चर्चा गर्म है की भाजपा के वरिष्ट नेता पी जे शर्मा महेन्द्र सारठकर के लिए अपनी पूरी क्षमता से प्रयास कर रहे है वही जिला महामंत्री कमलेश सिंह अपने पुरे राजनीतिक अनुभव से नन्हे सिंह , शिबू सिंह, परमेश्वर नागले के लिए दाव पेच लगाते नजर आ रहे है।
वही तीसरे गुठ के रूप में पूर्व मंडल अध्यक्ष सुधा चन्द्र व नपा अध्यक्ष किशोरे बरदे द्वारा मुकेश यादव , राजकुमार नागले एव वर्तमान मंडल नागेन्द्र निगम अपने प्रमुख शिष्य कुबेर डोंगरे के लिए प्रयास रथ है अब देखा यह ही की सारनी मंडल की राजनीति का ऊठ किस करवट बैठता है भाजपा के सभी दावेदारी कर रहे कार्यकर्ता दबे स्वर में कह रहे है की अगर मंडल अध्यक्ष की घोषणा नही हुई तो बन्दर के हाथ मे उस्तरा तो है ही जो पिछले 4 वर्षों से जनप्रतिनीधीयो और कार्यकर्ताओं पर समय समय पर चलाता आया है।