Seoni News: अपराधियों को संरक्षण दे रहा District Hospital Seoni, फर्जी एक्सरे रिपोर्ट से आरोपी की कि गई मदद

Rashtrabaan
जिला अस्पताल में चल रहा पैसे लेकर फर्जी एक्सरे रिपोर्ट का खेल।
Highlights
  • क्या पैसे लेकर किया गया एक्सरे रिपोर्ट में फेरबदल?
  • सांप निकलने के बाद लकीर पीट रहे सिविल सर्जन डॉ. विनोद नावकर

सिवनी, राष्ट्रबाण। कहते पैसा भगवान नहीं लेकिन भगवान से कम भी नहीं है। इस पैसे से आप धरती के भगवान (डॉक्टर) को भी खरीद सकते है और बडा अपराध का पीड़ित भी बन सकते है। जी हां हम यह बात इस लिए कर रहे है की सिवनी हॉस्पिटल में ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है जिसमे खुनी संघर्ष के एक आरोपी को बचाने के लिए फर्जी एक्सरे रिपोर्ट पुलिस प्रशासन को दे दी गई।
सूत्रों की माने तो सिवनी जिला चिकत्सालय में मारपीट एवं हत्या के प्रयास के आरोपी को लाभ पहुंचाने के लिए डॉक्टरों द्वारा फर्जी एक्सरे रिपोर्ट बना दी गई और उस रिपोर्ट को बकाया पुलिस की डायरी में लगाते हुए न्यायलय के समक्ष पेश कर दिया गया। सूत्रों तो यह भी बताते है कि आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट में पैर की कटोरी फैक्चर की रिपोर्ट आरोपी की नहीं है बल्कि वह नाबालिंग बच्चे की है।

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ऐसे हुआ खुलासा
जानकार बताते है कि आरोपी के पैर के घुटने के फैक्चर होने की रिपोर्ट के आधार पर उसके घुटने का ऑपरेशन किया जाना था। अंतिम संतुष्टि के लिए डॉ. सोनी एवं डॉ. बकोड़े द्वारा आरोपी का पुनः एक्सरे कराया गया तो वह पूरी तरह ठीक निकला जिसके बाद डॉ. सोनी द्वारा सिविल सर्जन को पत्र लिखकर जिला अस्पताल में रिपोर्ट में होने वाली धांधली से अवगत कराया गया।

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अब सिविल सर्जन बता रहे दूसरी कहानी
एक्सरे रिपोर्ट में हुए फर्जीवाड़ा की खबर जिला अस्पताल में चर्चा का विषय बनी हुई है। राष्ट्रबाण ने इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. विनोद नावकर से चर्चा की तो उन्होने बताया की एक्सरे रिपोर्ट में हुए फर्जीवाड़ा की जाँच के लिए एक दल बनाया गया है जो जाँच कर अपनी रिपोर्ट देगा जिसके पश्चात दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी। लेकिन सवाल यह उठता है की जिला अस्पताल प्रशासन के मुखिया की नाक नीचे इतनी बड़ी लापरवाही, बिना उनकी जानकारी के कैसे हो सकती है। क्या सिविल सर्जन विनोद नावकर अपनी आंख बंद कर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे है?

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जिला कलेक्टर से कार्यवाही की अपेक्षा
सिवनी जिला चिकित्सालय में हुई एक्सरे रिपोर्ट के फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद जनता के बीच यह सवाल उठ रहा है की न जाने जिला अस्पताल में इस तरह की फर्जी रिपोर्ट का गोरखधंधा कब से चल रहा है और न जाने कितने आरोपियों को इसका लाभ दिया जा चूका है। यह मामला सामने आने के बाद आम जनता की जिला कलेक्टर से अपेक्षा जताई है की पुरे मामले की निष्पक्ष जाँच कर दोषियों पर कठोर कार्यवाही करते हुए दंडित करे जिससे फिर कोई ऐसी दुष्टता करने की हिम्मत न कर सके।

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